लेकिन अधिकांश स्त्रियां अपने छोटे या बड़े स्तनों की समस्या को लेकर काफी परेशान रहती हैं।
इस लेख में इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं के कारण और निवारण के घरेलू उपायों के बारे में चर्चा की गई है इसलिए लेख को अंत तक पढ़ें।

स्तनों के छोटे या बड़े होने के कारण
हार्मोन्स की गड़बड़ी, अनियमित मासिक धर्म, अनुवांशिकता, कुपोषण, लंबी बीमारी, आर्थिक समस्या, भय, अत्यधिक शारीरिक श्रम करना, कम उम्र में शादी हो जाना आदि ऐसे बहुत से कारण होते हैं जिनकी वजह से अधिकांश महिलाओं के स्तन छोटे रह जाते हैं।
वहीं अधिक सेक्स चिंतन, अश्लील पुस्तकें पढ़ना, अश्लील फिल्में देखना, छोटी उम्र में शारीरिक संबंध स्थापित कर लेना आदि कारणों से स्तन बड़े हो जाते हैं।
स्तनपान की सही वैज्ञानिक विधि की जानकारी न होने की वजह से शिशु को गलत तरीके से स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तनों का आकार भी बिगड़ जाता है और स्तन ढीले होकर लटक जाते हैं।
सही ब्रा साइज का चयन न होने पर भी स्तन के आकार-प्रकार पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
स्तन के निप्पल के आसपास का भाग श्याम रंग की संवेदनशील त्वचा से ढका होता है। यह क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील होता है। उचित देखभाल के आभाव में इस हिस्से पर मृत कोशिकाएं जमा हो जाती हैं, जिसकी वजह से यहां की त्वचा कड़ी व खुरदरी हो जाती है और स्तनों का सारा सौन्दर्य नष्ट हो जाता है।
स्तनों के सही आकार के लिए ध्यान देनें हेतु बातें
# स्तन छोटे रह जाने पर उन्हें बड़ा करने के लिए विटामिन युक्त संतुलित पौष्टिक आहार लेना चाहिए।
# तैरना, रस्सी कूदना, रॉड पकड़ कर झूलना स्तन के संतुलित विकास के लिए बहुत अच्छे व्यायाम होते हैं।
# सही नाप की ब्रा पहनें। ब्रा न अधिक ढीली हो और न ही अधिक कसी हुई होनी चाहिए।
# गर्भवती महिलाओं को अपने सही नाप से एक नम्बर बड़े आकार की ब्रा इस्तेमाल करना चाहिए।
# रात को सोते समय ब्रा को अवश्य उतार देना चाहिए, जिससे स्तन दिनभर के कसाव से मुक्त हो सकें।
# नायलॉन या टेरीकॉट की ब्रा पहनने से बचें। इससे स्तनों पर संक्रमण होने का खतरा रहता है। हमेशा सूती कपड़े की ब्रा ही पहनना चाहिए।
# गहरे और काले रंग की ब्रा पहनने से बचना चाहिए, इससे कैंसर होने की संभावना रहती है।
# शिशु को स्तनपान कराते समय उसके सिर को हथेली पर रख लें, जिससे स्तन पर खिचाव न पड़े।
# कभी भी स्तन को दबा-दबाकर दूध निकाल कर न पिलाएं। इससे स्तन ढीले हो जाते हैं।
# शिशु को दूध पिलाने के बाद निपल को पानी से धो लें, जिससे किसी प्रकार का संक्रमण होने का खतरा न रहे।
# स्तनों को दबाकर स्वयं जांच करती रहें कि कोई गांठ तो नही उभर रही है। यदि गांठ दिखाई दे तो तुरन्त डॉक्टर को दिखाएं।
# स्तनों के आकार-प्रकार और रंग में तेजी से कोई परिवर्तन दिखाई देने पर भी तुरन्त डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
स्तन-सौन्दर्य के घरेलू उपाय
# स्तनों पर ठंडे पानी की बौछारें दें। इससे स्तनों की कोशिकाओं में रक्त संचार अच्छी तरह होगा और स्तनों का सही विकास होगा।

# स्तनों को गुनगुने पानी से धोएं। इसके तुरन्त बाद ठंडे पानी से धोएं। ऐसा 5-6 बार करें। तापमान के जल्दी से बदलने से स्तनों की कोशिकाओं में तेजी से रक्त संचार होता है और स्तन विकसित होते हैं।
# रात्रि में सोते समय बादाम या जैतून के तेल की स्तनों पर गोल-गोल घुमाकर स्वयं मालिश करें। बादाम या जैतून के तेल में पाए जाने वाले तत्व विटामिन ए, ई, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और एमिनो एसिड स्तनों स्तनों की त्वचा को सुन्दर व मुलायम बनाए रखते हैं।
# दो चम्मच दूध में एक चम्मच बादाम का तेल मिलाकर अच्छी तरह फेट लें और इससे स्तनों की मालिश करें। मालिश अंगुलियों के पोरों से बहुत धीरे-धीरे गोलाई में नीचे से ऊपर की ओर अंगुलियां घुमाते हुए करें।
# निप्पलों के आसपास की त्वचा कड़ी व खुरदरी हो जाने पर एक चम्मच गुड़, आधा चम्मच मलाई, आधा चम्मच जैतून का तेल और गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को कड़ी व खुरदरी त्वचा पर लगाएं और सूख जाने पर ठंडे पानी में से धो लें।
यह उपचार सप्ताह में दो बार करें। यह पेस्ट निप्पल के आस-पास जमी मृत कोशिकाओं को आसानी से निकाल कर खुरदरापन दूर कर देता है और त्वचा को मुलायम व खूबसूरत बनाता है।
# किसी-किसी महिला के स्तनों के निप्पल अन्दर की ओर रह जाते हैं। ऐसी स्थिति में प्लास्टिक की एक बोतल में गरम पानी भरकर फिर इसे खाली कर दें। इससे बोतल में भाप रह जाएगी। अब बोतल के मुंह में निप्पल को डालकर, बोतल को इस तरह से दबाकर रखें, जिससे बाहर की हवा अन्दर न जा सके।
जैसे-जैसे बोतल की भाप ठंडी होती जाएगी, वैसे-वैसे निपल बाहर की ओर खिंचता जाएगा। बोतल ठंडी होने पर हटा लें।
5-6 बार ऐसा करें। यह उपाय नियमित करने से अन्दर की ओर धंसे निप्पल बाहर निकल आते हैं।